Friday, January 16, 2015

आतंकी हमले और मुसलमान 11985066 - Asagar Wazahat

आतंकी हमले और मुसलमान 11985066: "इतिहास से यह सीखने की आवश्यकता है कि हिंसा और आक्रामकता से कोई समस्या हल नहीं होती। एक बहुत महत्वपूर्ण और जटिल प्रश्न यह है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ तत्व कट्टरपंथी और जड़ क्यों हो गए? यदि हम इतिहास में जाएं तो पता चलता है कि एक समय था जब मुस्लिम समुदाय प्रखर बौद्धिक समाज था। इस्लाम के स्वर्णिम काल का एक प्रसिद्ध वाक्य था- विद्वान की रौशनाई शहीद के खून से अधिक पवित्र है। बौद्धिकता पर अत्यधिक बल दिए जाने के कारण ज्ञान, विज्ञान, कला और साहित्य के क्षेत्रों में ऐसी महान उपलब्धियां हुई थीं जिन्होंने यूरोप के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। 18वीं और 19वीं शताब्दी में स्थिति बदल चुकी थी। पतन और विघटन के कारण मुस्लिम समाज बहुत अशक्त हो गया था।"


No comments: